कविता के बारे में

लगनचंद की कविताएं सहज मन की कविताएं हैं, लगन समाज के नासूरों को लिख रहे हैं। कविता में शिल्प के स्थान पर विषय पर ध्यान दिया जाए तो ये कविताए गांव , जवार, समाज की कुरीतियों को रेखांकित करती हैं।

 

 

लगनचंद

 

डायन

 

गाँव में एक डायन है,

सारी औरतें उसका ज़िक्र करती हैं,

दुपट्टे के कोने में मुँह छिपाकर

चुपके से एक-दूजे को बताती हैं —

“उसके घर में अजीब चीज़ें होती हैं।”

 

उन्होंने अपने पति से कहा,

जो खांसी की तरह टाल गए।

 

बुज़ुर्गों को बताया,

जिनकी आँखों में सिर्फ़ अंधविश्वास बसता था।

 

डायन की एक कहानी मैंने भी सुनी है

 

वो दरअसल कोई और नहीं,

एक दर्पण जैसी होती है।

जो भी उसमें झाँक ले,

अपना असली चेहरा देख लेता है।

 

उस दर्पण में कोई आँखें झुका लेता है,

कोई हँसकर मुड़ जाता है,

पर जो रुक जाता है,

जो पहचान लेता है

कि वह छवि उसी की है ।

उसकी जाति बदल जाती है,

अंतत: “डायन” हो जाती है।

 

जातिवाद

 

अधिसूचना में निर्दिष्ट नियमों के अंतर्गत ,

सायरन बजाकर,

जन साधारण तक संदेश पहुंचाने के बाद,

बांध के द्वार खोले गए ।

 

धारा चली और चेतना खो गई ,

शोर और तेज बहाव से ।

 

दो पर्यटक; नदी किनारे ,

पानी से अठखेलियां कर रहे थे,

तेज जलधारा में बह गए।

 

दिलों में पनपते बगावती विचार ,

आक्रोश रैलियां निकाली गईं,

“न्याय मिलना चाहिए”।

 

 

मछलियां भी इस तेज बहाव में पत्थरों से टकरा कर ,

वापिस न लौटने वाली लहरों में गुम हो गई ।

मर गई,

परिवार से अलग हो गईं।

 

न्याय सिर्फ़ मानव जाति के लिए मांगा गया।

 

सचमुच ;

जातिवाद एक समस्या है ।

 

 

अस्तित्व का संतुलन

 

यह जो सृष्टि है—

ईश्वर की कल्पना की उपज है,

पर उसका होना

जीवों के होने पर टिका है।

 

शैवाल की नमी से

नील व्हेल की गहराई तक,

हर प्राणी

उसकी मौजूदगी का प्रमाण है।

 

फिर क्यों इंसान ने

इंसान को ही बाँट दिया?

रंग, जाति, और कुल के नाम पर

ईश्वर की बनाई दुनिया को

जहर से सींच दिया।

 

एक जाति को नीचा दिखा कर

दूसरी को ऊँचा बना कर

हम किस ईश्वर को बचा रहे हैं?

 

यदि एक जाति खो जाए,

या कोई प्रजाति सदा को सो जाए—

तो काँप उठता है अस्तित्व का आधार।

 

और जिस दिन

मधुमक्खी की भनक भी न बचेगी,

 

उस दिन

ईश्वर का नाम भी

सिर्फ़ किताबों में रह जाएगा।

 

लगनचंद,

गांव टकोली , डाकघर- नगवाईं ,जिला -मंडी , हिमाचल प्रदेश

बॉम्ब निरोधक अधिकारी, हिमाचल प्रदेश पुलिस, हाल तैनाती- भुंतर एयरपोर्ट

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