कुमारनाशान   मलयालम साहित्य में नवोधारा का प्रवेश बीसवीं सदी के आरंभ में हो गया था। इस परिवर्तन का श्रेय जिन कवियों को जाता है, उन्हें मलयालम
संस्कृति, तकनीक और कला समकालीन सन्दर्भ में रति सक्सेना संस्कृति, तकनीक और कला इन तीनों का आयाम इतना विशद है कि इन्हें परिभाषित करना जटिल है। फिर
                  तिथि दानी की कविताएं –   उठना होगा कविताओं को आकाश की ओर   उठना होगा कविताओं को आकाश की ओर पार करनी होगी तमाम आकाशगंगाओं की वैतरणी झाड़नी होगी अनिश्चितता,
                अरुण आद‌ित्य की कव‌िताएं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में जन्में अरुण आदित्य के अब तक "रोज ही होता था यह सब’" (कविता संग्रह) व ‘उत्तर वनवास’
  कविता और परम्परा कविता एक ऐसी विधा है, जिसके कलेवर और कथ्य में परिवर्तन समय की मांग रही है। यह स्थिति विश्व की सभी भाषाओं  की
कविता के बारे में अपर्णा मोहंती की कविताओं में स्त्री-प्रतिरोध का स्वर दिब्य रंजन साहू    विमर्श की दृष्टि से 80 का दशक काफी महत्त्वपूर्ण है। इस समय ‘स्त्री
हर कविता को ऐसे लिखो गोया कि यह तुम्हारी आख़िरी कविता है यह सदी, जो कि प्रदूषण से भीगी है आतंकवाद से कंपित है उड़ती जा रही है सुपरसोनिक
  मदन कश्यप की कविताएं             29 मई 1954 को बिहार राज्य के वैशाली में जन्में वरिष्ठ कवि और पत्रकार मदन कश्यप के अब तक 'पनसोखा
मुहम्मद इक़बाल     मुहम्मद इक़बाल का जन्म 9 नवम्बर 1877 में सिआलकोट में हुआ था। आप एक चिन्तक, कवि और राजनेता थे। आपकी कविताओं में प्रबल देशभक्ति
                आदित्य शुक्ला   फ़ासला   फासले से छुओ ताकि भरभराकर गिर न जाए अगली पंक्ति दूर तक बिखर न जाए थोड़ी दूर तक चलने वाला अकेलापन अनकहे लफ़्ज़ बहुत ख़ामोशी में पगी बेचैनी को