वसंत सकरगाए हमें भी बचा लोहमारी पहचान का आवरण धीरे-धीरे खिरज रहा हैकुछ कहने की ताक़त शेष होती तो वे ज़रूर कहतेकहते कि हो सके तो
नन्द चतुर्वेदी   नन्द चतुर्वेदी राजस्थान के प्रख्यात कवि साहित्यकार रहे हैं। का जन्म 21 अप्रैल, 1923 में हुआ था, उन्होंने बचपन से कविता लिखनी आरंभ कर
अंधेरे के गीतों के वाहक - गौतम वेगड़ा कमल मेहता द्वारा प्रस्तुत वंचित वर्ग से आने वाले कवियों/लेखकों में से बहुत कम ही ऐसे हैं जो मुख्यधारा
कभी -कभी मुझे लगता है कि हम सब नीरो तो नहीं हो गए? रोम जल रहा है और हम बांसुरी बजा रहे हैं। आजकल हम
जोन्न टोलसन  मैं और कविता कागज है कैनवासकलम है तूलिकामैं खींचती हू्ं शब्द, रंगों की तरहप्रतीकों में बदलते हुएहर लकीर के साथ कार्बन कापी ब्रह्माण्ड की दूसरी कार्बन कापी
 इसाबेला फिलिपिएक  Izabela Filipiak Karen Kovacik के अंग्रेजी अनुवाद से हिन्दी में रति सक्सेना  द्वारा अनूदित घरेलू मिथक मेरी जिनी  रसोई में काम करती हैमेरा टाइटनेस  मुझे गर्म
समाज का छद्म भाषा का हिस्सा कैसे बनता है, यह आज भी शोध का विषय हो सकता है। हर काल अपने साथ अपने हिस्से के
यानीस रित्सस (प्रस्तुत कविताएं निकोस स्टेंगोस के अंग्रेजी अनुवाद से रति सक्सेना  द्वारा हिन्दी में अनूदित हैं।)यानीस रित्सस अपने समय के सर्वश्रेष्ठ कवि रहे हैं, वे
गौतम वेगड़ा  प्रतिभाशाली युवा कवि गौतम वेगड़ा एक चित्रकार, रिसर्च स्कॉलर हैं, तथा आपकी अंग्रेजी और गुजराती में लिखी गयी कविताओं का केंद्र बिन्दु जातिगत भेदभाव
विहाग वैभव द्वारा कमल मेहता   आज के कविता जगत में विहाग वैभव स्थापित होने की ओर निरंतर अग्रसर हैं। उनकी कविता “चाय पर शत्रु सैनिक” के लिए