नितेश व्यास   अभी मैं   अभी मैं शान्ति का संगीत सुनता हूं अभी मेरे कानों को फोड़ती हैं दर्दनाक चीखें   अभी मैं स्नान करता हूं अभी मेरी आत्मा धंसती जाती है
विनोद दास   1 गाँठ एक मीठे समय में तुमने अपनी बाँह मुझे दिखायीं ! जहाँ एक कड़ी गाँठ थी चियाँ सी छोटी और कड़ी फिर तुम मेरी अँगुली पकड़कर ले गयीं अपनी पिंडलियों
आखिरकार इंसान को कविता या गीतों की जरूरत ही क्यों पड़ी? वह तो अच्छा खासा शिकार कर रहा था, खा रहा था, परिवार भी बनाना
लोकनाथ यशवन्त की इस कविता    एक अध्ययन ओम प्रकाश वाल्मीक आवेग
कमलादास   अनुवाद रति सक्सेना   वर्तमान कवयित्रियों में शायद कमलादास का नाम सबसे ज्यादा विवादग्रस्त रहा है। अपने वक्त से पहले चलने वाली इस कवयित्री में बला का
अनवर सुहैल की कविताएँ एक  तुमने पूछा तो यूँ पाँव थम से गएहम तो चलते रहे मगर अब थक गएपहले भी  करते थे कितना सफ़रराह में
रमाकान्त रथ जी की मृत्यु हाल ही में हुई है, वे उड़िया के महत्वपूर्ण कवि थे। मेरी उनसे मुलाकात पुरी में हुई थी। उनसे संवाद
देवी दित्ता--आदि कवि--(सत्रहवी सदी) कवित्त ठंडा- ठंडा पानी पिया जिन्होंने बर्फ की तरह तवी का जल अब उन्हें कहाँ याद आएगा? मीठे जिन्होंने आम खाए रस भरे , पके उन्हें
रात जाने लगी तो आसमान बोला..शुभयात्रा उसके शब्द सुनहरे रंगों में बदल गए, तने ने मुस्कुरा कर सावन से पूछा.. कैसे हो? लाल पीले शब्द फूल बन कर
देवेश पथ सारिया  शीर्षक : जब परखी जा रही होती है सुंदरता एक सौंदर्य प्रतियोगिता में पूछा गया एक प्रश्न :आपके लिए सफलता का मतलब क्या है? जैसा