क्रान्तिकारी सन्तगुरु नारायण की चुनी हुई कविताएँ
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'जाति निर्णय
मानव की जाति है मानवता,
जैसे गायों की जाति है गोत्व।
ब्राह्मण आदि उसकी जाति नहीं,
हाय! न जाने कोई तत्त्व
विपिन चौधरी की कविताएं
ठहरना
ठहरना
अब ठहरना
दूर की चीज़ों पर
करीब की नज़र बनाये हुए ठहरना
दूरियों के लिए ठहरना,
दूरियों के याद रखने और भूल जाने के अंतरदोष को
नज़रअंदाज़
सिद्ध कवि मिला रेपा
(17 सदी AD)
अनुवाद और प्रस्तुति केलांग के प्रसिद्ध कवि अजेय द्वारा (पुनः प्रकाशित )
भारतीय सिद्ध तिलोपाद की परंपरा में सिद्ध मिलारेपा संभवतः