राजेन्द्र नागदेव
आभार
अभी-अभी रोशनदान से आया
धूप का मुलायम टुकड़ा
मैं उनींदे चेहरे पर मलता हूं
और अपनी सुरक्षित चारदिवारी से
बाहर निकलता हूं
रात भर जगीं खंभों पर बैठी बत्तियाँ
अदनान काफील दरवेश
कमल मेहता
बहुत सारी रातें हैं यहां
जुगनुओं की तरह टिमटिमाती
कब्रिस्तान में
श्मशान में
बहुत सारी रात होगी
मेरी कब्र में
जिसमे छिपा होगा कोई न कोई
दिन का सुराग।
देश के
बेल्ला अख्मादूलिना ()
अनुवाद - वरयाम सिंह
बेल्ला अख्मादूलिना का वास्तविक नाम है इजाबेल्ला। आपका जन्म मास्को में इतालवी एवं तातर मूल के परिवार मे जन्म हुआ।