मेरी बात

 

 

कृत्या के इस अंक के साथ मैं वर्ड कांग्रेस आफ पोइट्री का स्वागत करती हूं, जो दूर देशान्तर में घटित होने जा रही है, जिसमें पांचों महाद्वीप के चुने हुए सौ  प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यह कांग्रेस वर्ल्ड पोइट्री मूवमेन्ट के सौजन्य से कार्यान्वित हो रही है। WPM की स्थापना 2011 में की गई थी, इसका उद्देश्य दुनिया के कवियों को कविता के द्वारा दुनिया के हितों के लिए एकत्रित करना था। WPM में पांचों उपमहाद्वीपों से असंख्य कवि और आर्टिस्ट सदस्य हैं।

विश्व कविता आंदोलन,WPM और राष्ट्रीय समन्वयक कवि दृढ़ संकल्प और ऊर्जा के साथ मेडेलिन में 13 जुलाई 2023 को शुरू होने वाले विश्व कविता आंदोलन की पहली ऐतिहासिक कांग्रेस में भाग लेने जा रहे हैं।

इस कांग्रेस में मानवीय स्वातन्त्र्य, सम्मान, और न्याय की रक्षा के लिए वैश्विक राजनैतिक तानाशाही के विरोध में कला और कविता के माध्यम से खड़े होने के लिए का आह्वान किया जाएगा। WPM विश्व के सभी कविता प्रेमी और साहित्यकार, कलाकार एक मंच पर उपस्थित हो वैश्विक शांति और प्रेम के लिए एक साथ काम करेंगे? यही नहीं कविता जैसे कलात्मक माध्यम से नई पीढ़ी में स्थापित करने की कोशिश होगी। कविता उपभोक्ता की सूचि में नहीं आनी चाहिए, जैसा कि अनेक देशों में हो रहा है।

विश्व कांग्रेस के उद्घाटन दिवस को चिह्नित करने के लिए काव्य कार्यशालाओं और काव्य पाठों, कलात्मक गतिविधियों, संगीत कार्यक्रमों के माध्यम से विश्व के कवि,कलाकार एक महान विश्व कार्रवाई में एकजुट हो रहे हैं, और विश्व में सैंकड़ों काव्य पाठ आयोजित किए जा रहे हैं।

जिस वक्त मैडिलिन में WPM की नींव रखी गई थी, उस वक्त यह देश गलत राजनीति और ड्रग माफियाओं के चंगुल में फंसा हुआ था, आज इतने वर्षों बाद यहां साम्यवादी सरकार आई है, जो जनता की आवाज़ को रेखांकित कर रही है, इस चेतना के कारण मैडिलिन के काव्य समारोह भी हो सकते हैं, जो हर वर्ष दुनिया के कवियो को आमन्त्रित कर जनता से रूबरू करवाती है।

मैडिलिन काव्य समारोह की इस सफलता ने यह दिशा दिखाई है कि यदि कविता का सही प्रयोग हो तो बड़ी से बड़ी ताकत को हराने की शक्ति रखती है।

हमारे देश में विभिन्न भाषाओ के कवि गण WPM के सदस्य हैं, यहां कोई सदस्यता फीस नहीं है, बस मन में कविता के लिए लगाव और मानवता के लिए कुछ कर गुजरने की शक्ति चाहिए।

इस अंक में अधिकतर सभी कविताएं पठनीय हैं, मैं आशा करती हूं कि आप लोग आनन्द लेंगे।

 

रति सक्सेना

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